‘"जनगणमन"
को राष्ट्रगीत का दर्जा 1950
बुरा
व्यक्ति अच्छे व्यक्तिसे, अच्छा व्यक्ति
बेहतर व्यक्तिसे, और बेहतर व्यक्ति श्रेष्ठ व्यक्तिसे आगे निकल जाये, इस तरह का
कुछ भी नहीं होना चाहिये, ऐसे अमूर्त सिध्दांतके साथ किसी भी का विरोध नहीं हो
सकता, लेकिन जब भारतके ऐतिहासिक परिस्थितिमें हर बार जिस "श्रेष्ठ व्यक्तिका
" चुनाव होता है ये शासक वर्गके ही होते है और ऐसा जब
व्यवहारमें दिखाई देता है तो उपर्युक्त दलील गले नहीं उतरती।
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