Friday, December 30, 2011

५ नवम्बर : प्रांतिक विधान परिषदमें प्रवचन



जागीरदारी नाबूदीके लिये कमाठीपुरा मुंबईमें 5000 महारोंकी सभा 1927


यह बजट मेरे लिये धनिक आदमीका बजट है। यह गरीब आदमीका बजट नहीं है। गरीब आदमी ज्यादासे ज्यादा मांगता है। धनिक इंसानको सरकारसे स्वतंत्र रहनेमें कोई दिक्कत नहीं होती।

No comments:

Post a Comment