मुंबई शहर दलित फेडरेशनने रु. 18000 की राशि अर्पण की 1954
इन सभी मिलोमें सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि वे
मेनेजरोंके भतीजोंके लिये स्वर्ग है.
सेंकडो निकम्मे लोगोंको उंचे पगार पर नौकरी पर रखे गये है, सिर्फ इसलिये कि वह एक
या दूसरे तरीकेसे मेनेजींग एजन्टके साथ जुडे हुए हैं ।
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