Thursday, December 29, 2011

२ अक्टूबर : तीसरी पार्टी

















गांधी जयंती 1869


शिक्षण, जीवननिर्वाहके संसाधन, संगठनकी शक्ति और बुद्धिसे वंचित रखे गये कामगार वर्गको गुलाम बनानेवाला प्रजातन्त्र  वास्तवमें प्रजातन्त्र नहीं है, बल्कि प्रजातन्त्रका मजाक है।

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