Friday, December 30, 2011

१७ नवम्बर : प्रांतिक विधान परिषदमें प्रवचन











तीसरी गोलमेजी परिषद का प्रारंभ 1932


कुछ लोग ऐसा कहते हैं  कि हम अव्वल भारतीय हैं  और हिन्दु बाद में अथवा मुस्लिम बाद में है तब मुझे यह अच्छा नहीं लगता। मुझे इससे तनीक भी संतोष नहीं है। मैं साफ साफ कहता हूँ कि इससे मुझे थोडा भी संतोष नहीं है.... मैं सभी लोगोंको प्रथम भी भारतीय और अंत में भी भारतीय देखना चाहता हूँ। और और  कुछ नहीं, सिर्फ  भारतीय ही ।

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