तीसरी गोलमेजी परिषद का प्रारंभ 1932
कुछ
लोग ऐसा कहते हैं कि हम अव्वल भारतीय हैं और हिन्दु बाद में अथवा मुस्लिम बाद में है तब
मुझे यह अच्छा नहीं लगता। मुझे इससे तनीक भी संतोष नहीं है। मैं साफ साफ कहता हूँ
कि इससे मुझे थोडा भी संतोष नहीं है.... मैं सभी लोगोंको प्रथम भी भारतीय और अंत
में भी भारतीय देखना चाहता हूँ। और और कुछ
नहीं, सिर्फ भारतीय ही ।
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