"देश के दुश्मन" बदनक्षी केसके बचावमें विजय । वकालतमें
प्रसिद्ध हुए 1925
डॉ. कूर्तकोटी (शंकराचार्य) के साथ डॉ. अम्बेडकरकी मुलाकात 1935
ब्राह्मणवादका असर सिर्फ आंतर भोजन या आंतर
लग्न जैसे सामाजिक अधिकारों तक सीमित नहीं था। अगर ऐसा होता तो किसीको ब्राह्मणवादसे
उतना एतराज नहीं होता। परन्तु उसने इन सामाजिक अधिकारोंसे अलग ऐसे नागरिक अधिकारोंको
भी अपने दायरेमें शामिल कर लिया है। सार्वजनिक स्कूलों, सार्वजनिक कुएं, सार्वजनिक
सुखाकारीके साधन, सार्वजनिक होटलका उपयोग, यह सब नागरिक अधिकारोकी बात है।
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