Friday, December 30, 2011

२२ दिसम्बर : गांधीवाद



जैसे कि वह गुस्सेसे लाल साम्यवादी हो उसी तरह श्री गांधी कभी कभी सामाजिक और आर्थिक विषयों  पर बोलते है। गांधीवाद का अभ्यास करनेवाले व्यक्तिको श्री गांधीके लोकशाहीके पक्षमें  तरफ़ा और पूंजीवाद विरोधी कभी-कभी विरोधाभासी विधानोंसे कभी आश्चर्य नहीं होगा। क्योंकि गांधीवाद किसी भी अर्थमें क्रांतिकारी सिद्धांत नहीं है। यह तो एक बढ़िया रुढिचुस्तता है। जब तक हिन्दका संबंध है तब तक वह "प्राचीनकाल की तरफ जाओ" का सूत्र उसके ध्वज पर दर्शाता प्रत्याघाती सिद्धांत है। गांधीवादका ध्येय हिन्दके मृत्युशैय्या पर पडे भयावह  अतीत  को प्रोत्साहित करनेका, सजीवन करने का है।

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