दूसरे कई लोगोंने जातिप्रथाका बचाव किया है,
परन्तु पहलीबार ही मैंने उसके समर्थन में इस तरह की आघातजनक नहि तो असाधारण दलील देखी
है। रुढिचुस्त भी शायद यही कहेंगे कि "हमें श्री गांधी से बचाओ"। इससे
यही मालूम होता है कि श्री गांधी
हिन्दुत्व के कितने गहरे, पक्के रंग से रंगे हुऐ है। रुढिचुस्त हिन्दु से भी वे
आगे निकल गये है। यह एक गुफावासी मनुष्य की दलील है, सिर्फ ऐसा कहना ही काफी नहीं
है। यह तो सचमुच एक पागल मनुष्य की दलील है।
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