Tuesday, December 27, 2011

२२ जून : गुलामी प्रथा












डॉ. आंबेडकर - सुभाषचंद्र बोज़ मुलाकात 1940

अस्पृश्यको सभ्यता की उंची कलाओ में प्रवेश नहीं मिलता है, सुसंस्कृत जीवनका कोई मार्ग खुला  नहीं है। उसे तो सिर्फ झाडू लगाने के सिवा दूसरा कोई काम नहीं होता। अस्पृश्यतामें जीवननिर्वाहकी कोई गारंटी नहीं होती। 

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