
एम.एससी. पदवी की प्राप्ति 1921
मुंबईमें सिद्धार्थ महाविधालयका आंरभ 1946
गुलामी
जैसी अस्वतंत्र सामाजिक व्यवस्थामें गुलामके जीवन और शरीरकी सुरक्षा करनेका कर्तव्य उसके मालिकके सिर रहता
था। गुलाम उसके भोजन, कपड़े और आश्रयकी सभी जिम्मेदारीयाँ से मुक्त था।
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