Tuesday, December 27, 2011

१९ जून : गुलामी प्रथा









औरंगाबाद मिलिन्द महाविधालयकी स्थापना 1950


गुलामी या फिर अस्पृश्यता दोनोंमें कोई भी मुक्त सामाजिक व्यवस्था नहीं है, परन्तु, दोनोंके बीच कोई भेद करना हो तो, और बेशक दोनों के बीच भेद है ही.कसौटी यह है कि शिक्षण, सदगुण, सुख, संस्कृति और संपत्ति गुलामीमें संभव हो सकते हैं या फिर अस्पृश्यता में? इस कसौटीका निर्णय करें तो यह बात नि:संदेह है कि गुलामी अस्पृश्यतासे सौ गुनी बेहतर है।

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