मुस्लिम लीगका डायरेक्ट एक्शन दिन 1946
लोग
स्वंय शासन नहीं करते। वे सरकारकी रचना करते हैं, से शासन
करने के लिए छोड देते है और भूल जाते है कि वह उनकी सरकार नहीं है। इस
परिस्थितिमें संसदीय प्रजातन्त्र कभी भी लोगोंकी, लोगोके द्वारा चलनेवाली सरकार
नहीं बनी है और इसलिये ही वह कभी लोगोके लिये चलती सरकार बनी नहीं है।
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