Wednesday, December 28, 2011

१५ अगस्त : संसदीय प्रजातन्त्र
















दूसरी गोलमेजी परिषदमें भाग लेनेके लिये मुंबईसे जहाजमें प्रयाण 1931
स्वतंत्र मजदूर पक्षकी स्थापना 1936


संसदीय प्रजातन्त्रने स्वतंत्रता के लिये उत्कंठा विकसीत की थी। उसने कभी भी असमानताके पक्ष में सिर नहीं हिलाया। वह समानताका महत्व समझनेमें निष्फल गई इतना ही नहीं स्वतंत्रता और समानता के बीच संतुलन बनानेकी  भी कोशिश  उसने नहीं कि। अत:  स्वतंत्रता समानताको निगलती रही और पीछे रहे गए असमानता के संतान।

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