Wednesday, December 28, 2011

१७ अगस्त : संसदीय प्रजातन्त्र




दलितोंको पृथक निर्वाचन देनेका ब्रिटीश सरकार का निर्णय 1932


संसदीय लोकशाही, एक लोकप्रिय सरकारका आभूषण होनेके बावजूद भी, वास्तवमें एक वंशपरंपरागत रैयत वर्गकी एक पीढ़ी दर पीढ़ी  शासक वर्ग द्वारा चलाई जानेवाली सरकार है। राजकीय जीवनके इस जहरीले संगठनने संसदीय प्रजातन्त्रको दुःखद और निष्फल बनाया है। इसी कारणसे ही संसदीय प्रजातन्त्रके द्वारा आम आदमीको दिए गए स्वतंत्रता, संपत्ति और सुखके वचन पूरे नहीं हो सके।

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