Tuesday, December 27, 2011

१३ जून : गुलामी प्रथा



देवदासी तथा जोगनीओंकी मुंबई में प्रथम परिषद 1936

सीधे और खुले  तौर पर एक मनुष्यकी आजादी छीनना ये गुलामीका पसंदीदा  स्वरुप है। वह गुलाम को गुलामी के लिये जागरूक बनाता है और गुलामी के लिये जागरूक बनना ये आजादी की लडाई के लिये सबसे  प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण कदम है, परन्तु अगर मनुष्य की आजादी परोक्ष रुप से छीन ली जाये तो उसे उसकी गुलामीका कोई एहसास नहीं रहता।


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