दलितोंके हितोंकी उपेक्षा करनेवाली केबिनेट मिशन योजनाके विरोध में
प्रदर्शन 1946
सभी
धर्म सीखाते है कि ‘शुभ’ की प्राप्तिमें जीवन का अर्थ समोया है। इस अर्थमें सभी
धर्म समान हो सकते हैं। परन्तु सभी धर्मोमें "शुभ" क्या है? इसका कोई एक
समान उत्तर नहीं मिलता। एक धर्म मानता है कि भातृत्व शुभ है, दूसरा मानता है, कि
जाति और अस्पृश्यता शुभ है।
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