Saturday, December 24, 2011

७ फरवरी : हिन्दुधर्म












एस. के. बोले का मुंबईमें सार्वजनिक सम्मान 1932


मेरे मंतव्य   अनुसार बिनसांप्रदायिक बाह्मणों और सनातनी बाह्मणोंके बीच किसी भी तरहका फर्क करना निरर्थक है। दोनों एकदूजेके स्वजन हैं। एक ही शरीर के दो कंधे हैं और एकके अस्तित्व के लिये दूसरा लडने ही वाला है।

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