दरियापुर(अहमदाबाद)में अंत्यज हितचिंतक मंडलकी स्थापना, पत्रिकाका प्रकाशन
1928
खेदजनक
बात ये है कि, एक मनुष्य या फिर वर्ग कानून के द्वारा दूसरे व्यक्ति को जीवन और
मृत्यु की सत्ता पर रखे यह गलत है ऐसा मानने की वजह से ज्यादातर लोग गुलामी का
विरोध करते है। परन्तु यह भूल जाते हैं कि गुलामी न हो तो भी दुःख, निराशा और
हताशा की परंपराके साथ घातकी दमन, आंतक, अत्याचार हो सकते हैं ।
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