बाबासाहबने
मुंबई युनि. से बी.ए. डीग्री तीसरे वर्ग में अर्जित की, उनके विषय थे अंग्रेजी और
फारसी 1913
महाड
में किसान सभा 1939
मैं
ये भी कहूँगा कि दलित वर्गोंको सामाजिक सुधारकी जरा सी परवाह नहीं है। इस जहरीली
व्यवस्थाके कारण उन्हें सहने पडते अपमान और गौरवभंग की तुलनामें उनके नसीबमें लिखे
अभाव और गरीबी तो कुछ भी नहीं है। रोटी नहीं , सम्मान ही उनकी मांग है।
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