अमरिकाके स्वातंत्र्यकी घोषणा
आज
धर्म पूर्वजोंकी संपत्तिका एक टुकडा बन गया है। वसियतदारकी तरह वह बापसे बेटेके
हाथ जाता है। धर्म परिर्वतनके ऐसे किस्सोमें कितनी सच्चाई है? अस्पृश्यका
धर्मान्तर होगा तो धर्मका मूल्य और विविध धर्मोके गुणके बारेमें संपूर्ण विचारके
बाद होगा। ऐसे धर्मान्तरको क्या सही धर्मान्तर नहीं कह सकते?
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