यरवडा
जेल में डॉ. आंबेडकर गांधी से मिले 1932
जाति
और वर्ण ऐसी बाते हैं, जिसके बारे में वेदों और स्मृतिओंने चर्चा की है, इसलिए
हिन्दुओ की समझको अपील करने से कुछ भी असर नहीं होगा। जाति और वर्ण का सवाल है वहाँ
तक शास्त्रों ने हिन्दुओंको इस सवाल के बारेमें निर्णय करने के लिये अपनी समझदारीका
उपयोग करने की आज्ञा नहीं दी है। इतना ही नहीं जाति और वर्ण में उसकी श्रध्दाके
आधारों की बौध्दिक जांच करने का कोई भी प्रसंग उपस्थित ना हो इसकी सावधानी भी रखी
है।
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