साउथबरो
समिति समक्ष बाबासाहब की पेशकश 1919
शासकवर्ग
इस बातके लिये सचेत है कि वर्ग सिध्दांत, वर्गहित, वर्गप्रश्न और वर्गसंघर्ष
आधारित राजकीय आंदोलन उनकी मृत्यघंट बजा सकता है। वे जानते हैं कि गुलामवर्गको गलत
रास्ते पर ले जाने और बेवकूफ बनानेका कामयाब मार्ग है, राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय
एकताके जज्बातोंके साथ खिलवाड करना।
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