बाबासाहब
कोलंबो बौद्ध परिषद में 1950
मजदूरके
रुप में अस्पृश्य उचित वेतनकी मांग नहीं कर सकते। हिन्दु किसान उनके मालिकके रुप
में जो वेतन दे उसके बदलेमें उन्हें काम
करना पडता है। इस मुदे पर हिन्दु किसान जितना हो सके उतना कम वेतन कम देने के लिये
एकजुट हो सकते है. अस्पृश्यों को
निर्धारित किये दर पर ही काम करना होता
है, अन्यथा वे हिंसाके शिकार हो सकते है।
No comments:
Post a Comment