Monday, December 26, 2011

२३ अप्रैल : व्यक्ति विशेष




















लंडन जानेसे पहले पूणेमें सभा, विविध समितिओने आर्थिक सहयोग दिया 1933


अस्पृश्योके संतानोको सार्वजनिक स्कूल में प्रवेश देना चाहिये या नहीं इस प्रश्न के विषय में अभिप्राय व्यक्त करते हुए श्रीमती ऐनी बेसन्ट कहती है, " अभी तो तीव्र गंध देनेवाला भोजन तथा दारु से पीढी दर पीढीके आदी उनके शरीर दुर्गंधभरे और गंदे है। विशुध्द आहारसे पोषित और उमदा, निजी स्वच्छताकी आदतोंकी विरासतमें तालीम पानेवाले बच्चों के साथ स्कूलकी एक कक्षा में अंत्यत निकट बैठने योग्य और विशुध्द और जीवनशैलीसे सुसभ्य होनेमें उन्हें  कई साल लगेंगे।

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