समता सैनिक दलकी मुंबई में सभा 1942
नेशनल सीमेन्स युनियनका मेला 1942
(धर्मांतर
के बाद) राजकीय रुपसे अस्पृश्य उनको प्राप्त
राजकीय अधिकारोंको खोयेंगे। ये भी बेशक,
वास्तविक नुकसान नहीं है, क्योंकि धर्मान्तरके द्वारा वह जो समुदायसे जुडेगा, उसके आरक्षित लाभ उनको मिलेंगे। राजकीय
रुपसे फायदा या हानि कुछ भी नहीं है।
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