Monday, December 26, 2011

१७ अप्रैल : व्यक्ति विशेष


अस्पृश्यताकी नाबूदीके लिये हिन्दु महासभाको कांग्रेसका अनुरोध 1923


वीरनायक और नायकपूजा भारत के राजकीय जीवन की बदकिस्मती नहीं बल्कि कठोर वास्तविकता है। व्यक्तिपूजा अनुयायीयोंको भ्रष्ट करती है और देश के लिये खतरनाक है क्योंकि आजके समयमें अखबारोंकी मदद से महापुरुषो का उत्पादन करना सरल है। 

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