अस्पृश्यताकी नाबूदीके लिये हिन्दु महासभाको कांग्रेसका अनुरोध 1923
वीरनायक
और नायकपूजा भारत के राजकीय जीवन की बदकिस्मती नहीं बल्कि कठोर वास्तविकता है।
व्यक्तिपूजा अनुयायीयोंको भ्रष्ट करती है और देश के लिये खतरनाक है क्योंकि आजके
समयमें अखबारोंकी मदद से महापुरुषो का उत्पादन
करना सरल है।
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