Saturday, December 24, 2011

१० फरवरी : हिन्दुधर्म




गुलामी कभी भी अनिवार्य नहीं थी, किन्तु अस्पृश्यता अनिवार्य थी। एक व्यक्तिको छूट है दूसरे व्यक्तिको गुलाम बनाने की। अगर वह इस तरह की इच्छा न रखता हो तो ऐसा करने के लिये उस पर कोई दबाव नहीं होता। परन्तु अस्पृश्यके पास कोई भी विकल्प नहीं होता। एक बार अस्पृश्यके रुपमें जन्म लिया ही है तो, उसे एक अस्पृश्यकी सभी असमर्थताओं का शिकार होना पडता है।

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