Wednesday, December 28, 2011

६ अगस्त : संसदीय प्रजातन्त्र














डॉ.आंबेडकर पर लिखे पत्रमें गांधीजीने वर्णव्यवस्थाकी वकालत की 1944


एक भारतीय चुनावमें किस तरह मत देता है? वह सिर्फ उसकी जातिके उम्मीदवारको मत देता है, दूसरेको नहीं। भारतीय कांग्रेसने चुनाव हेतु   जातिप्रथाका जितना उपयोग किया है, इतना उपयोग तो भारतमें किसी दूसरे पक्षने नहीं किया। हकीकतमें जातिप्रथाके अस्तित्वके सामने हल्ला मचानेवाली कांग्रेस ही उसको समर्थन देती है।

No comments:

Post a Comment