Tuesday, December 27, 2011

29 मई : गांव और पंचायती राज



















चित्तेगांव (नासिक) में विराट परिषद 1929
माईसाहेब सविता आंबेडकर स्मृति दिन 2003

यह शर्मनाक है, परन्तु (भीख मांगने का) यह अधिकार अस्पृश्योंका परंपरागत अधिकार बना है। और सरकार भी जब अस्पृश्योंको सरकारी काम पर रखती है तब वेतन निर्धारित  करने के लिये अस्पृश्यो के द्वारा भीख में मांगे गये अनाज के मूल्य को ध्यान में लेती है।


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