चित्तेगांव
(नासिक) में विराट परिषद 1929
माईसाहेब
सविता आंबेडकर स्मृति दिन 2003
यह
शर्मनाक है, परन्तु (भीख मांगने का) यह अधिकार अस्पृश्योंका परंपरागत अधिकार बना
है। और सरकार भी जब अस्पृश्योंको सरकारी काम पर रखती है तब वेतन निर्धारित करने के लिये अस्पृश्यो के द्वारा भीख में मांगे
गये अनाज के मूल्य को ध्यान में लेती है।
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