गोलमेजी
परिषद के बाद मुंबई में बाबासाहबका सभासंबोधन 1931
स्वराज
सुरक्षासे भी अधिक महत्वका प्रश्न है स्वराजमें हिन्दुओंकी सुरक्षा करना। मेरे मत अनुसार जब हिन्दु समाज
जातिवहिन समाज बनेगा तभी ही वह खुद का रक्षण करनेके लिये आवश्यक ताकत प्राप्त करने की आशा रख सकता है।
No comments:
Post a Comment