सनातन वर्गके विरोधके कारण डॉ. आंबेडकरने महार जागीरदारी नाबूदी
विधेयक वापस ले लिया 1929
सामाजिक
रुपसे अस्पृश्योंको, नि:संदेह, जबरदस्त फायदा होगा, क्योंकि धर्मान्तरसे अस्पृश्य
ऐसे समाजके सभ्य बनेंगे, जिसके धर्मने जीवनके सभी मूल्योंको वैश्विक और समान बनाया
है। हिन्दु धर्ममें ऐसे विचारके बारेमें सोच भी नहीं सकते।
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