Tuesday, December 27, 2011

२२ मई : गांव और पंचायती राज




अस्पृश्योंकी बस्तीके पास आर्थिक रुपसे कुछ भी संसाधन नहीं है और प्रगतिके लिए कोई भी मौका नहीं हैं। यह अनिर्वायरुपसे भूमिहीन बस्तीओं का निवासस्थान है। यह संपूर्णरुपसे अनाथ है और अपने जीवननिर्वाह के लिये हिन्दु गांवों पर निर्भर हैं।

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