Tuesday, December 27, 2011

१६ मई : गांव और पंचायती राज

















 धनञ्जय कीर: 'डॉ.आंबेडकर:लाइफ एंड मीशन'  जीवनवृतांत  1954 चिपलूणमें किसानसभा 1938



किन्तु मैं जानता हूँ कि हम किस प्रकारका न्यायतंत्र रखते हैं. मेरी जानकारी अनुसार मैं ऐसे वृतांतोका ढेर खडा कर सकता हूँ जिसमें, न्यायतंत्रने उसकी स्थितिका दुरुपयोग किया हो और भ्रष्ट रीति-रिवाज का आचरण किया हो।

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