Tuesday, December 27, 2011

१४ मई : गांव और पंचायती राज




कोंकण पंचमहाल महार परिषदको डॉ. आंबेडकरका संबोधन 1938


कौमी प्रतिनिधित्व कोई विषैली चीज नहीं है। यह जहर नहीं है। इस देशमें विविध वर्गोंकी सुरक्षा के लिये यह श्रेष्ठ व्यवस्था है। मैं उसे संविधानको विकृत करनेवाला नहीं कहूंगा।

No comments:

Post a Comment