Wednesday, December 28, 2011

१३ जुलाई : धर्मांतर



बोम्बे म्युनिसिपल कामगार युनियनकी साधारण  सभा को बाबासाहबका संबोधन 1941  
गुजरात रीपब्लिकन पार्टीके नेता, आंबेडकरी योद्धा वी. टी. परमार स्मृति दिन 1997


अस्पृश्यता सबसे अंतिम गहरी सतह है, जहां तक एक मनुष्यको अधोगति पर पहुंचाया जा सकता है। गरीब होना खराब है, परन्तु इतना खराब नहीं है जितना एक अस्पृश्य होना। गरीब मगरुर हो सकता है, अस्पृश्य नहीं।

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