ब्रिटिश शासनके खिलाफ आदिवासी विद्रोहके ज्वलंत प्रतीक बिरसा
मुंडा शहीद दिन
गुलामी
एक मुक्त सामाजिक व्यवस्था नहीं है, यह कबूल करना ही चाहिये, परन्तु अस्पृश्यताको
मुक्त सामाजिक व्यवस्था कहा जा सकता है? अस्पृश्यताका बचाव करने के लिये आगे आते
हिन्दु बेशक दावा करते है कि हाँ यह ऐसे ही है। परन्तु ये भूल जाते है कि
अस्पृश्यता और गुलामीके बीच ऐसा अंतर है, जो अस्पृश्यताको एक अस्वतंत्र सामाजिक
व्यवस्थाका बदतर प्रकार बना देता है।
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