Thursday, December 29, 2011

५ सितम्बर : कामगार वर्ग



नरोडा (अहमदाबाद) मोटर सत्याग्रह 1931


हमारे उपर आरोप लगानेवाले कामगार नेता बेशक  निश्चित भ्रमोंसे पीडीत है। उन्होने कार्ल मार्क्समें पढा है कि सिर्फ दो वर्ग है, मालिक और कामगार और मार्कसको पढने के बाद यह सीधे तौर पर मान लेते है कि भारतमें सिर्फ दो ही वर्ग है, मालिक और कामगार। और पूंजीवादको                          नाबूद करनेके उनके मिशनमें आगे बढते है।

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