Thursday, December 29, 2011

६ सितम्बर : कामगार वर्ग




अस्पृश्यता संबंधित गुनाहोंके विधेयक पर राजसभामें वक्तव्य, अनु. जाति पंचके अहवाल पर चर्चा 1954


साम्यवादके बारे में मैंने जितनीं  किताबें पढीं है उनकी संख्या सभी साम्यवादी नेताओंके पढ़ी किताबोंकी कुल संख्यासे भी ज्यादा है। परन्तु मेरा अभिप्राय है कि साम्यवादीओं ने कभी भी इस (जाति के) प्रश्नके व्यवहारिक पहलूओंकी ओर ध्यान नहीं दिया।

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