मुंबई विधान परिषद में डॉ. आंबेडकरकी ओरसे पी. जे. रोहम का कुटुंब
नियोजनके समर्थन में क्रांतिकारी प्रस्ताव 1938
हिन्दु
धर्म द्वारा स्थापित सामाजिक और धार्मिक निरंकुशताने ज्यादातर आम जनताको स्थायी
दासत्व में रखा है। ऐसे दासत्व तले अगर उनका प्रारब्ध सह्य बनता है तो उसकी वजह यह
है कि हिन्दु आनुवंशिक कानूनोंने धनिक वर्गके शासनको पनपने नहीं दिया। महोदय, हम
सामाजिक दासत्वमें आर्थिक गुलामी को जोडना नहीं चाहते।
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