'बहिष्कृत भारत' पाक्षिकका नाम बदलकर 'जनता' रखा गया 1930
जब- जब देश और अस्पृश्यके हित के बीच संघर्ष
होगा तब तब, मेरे लिये, अस्पृश्योंका स्थान देश के हितकी अपेक्षा अग्रिम रहेगा।
मैं जुलमगार बहुमतका साथ तो कभी भी नहीं देनेवाला हूँ, सिर्फ इस कारणसे यह देशकी
बात करते रहते है। इस दलका साथ मैं कभी नहीं देनेवाला, क्योंकि यह सिर्फ देशकी बातें ही किया करते है।
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